शिक्षा के प्रसार के लिए नागरी लिपि का सर्वत्र प्रचार आवश्यक है। - शिवप्रसाद सितारेहिंद।
 
सच्चाई (काव्य)     
Author:गोरख पाण्डेय

मेहनत से मिलती है
छिपाई जाती है स्वार्थ से
फिर, मेहनत से मिलती है

-गोरख पाण्डेय

 

 

Previous Page  | Index Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश